Dev Uthani Ekadashi or Dev Prabodhini Ekadashi 2024: इसी मंगल दिन से हिन्दुओ के शुभ व मंगलकारी कार्यक्रम आरम्भ होते है| इसी दिन तुलसी विवाह भी मनाया जाता है| मान्यता है की इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी से जो भी माँगा जाए वो जरुर पूरण होती है| परन्तु देवउठनी एकादशी के दिन बहुत से बातो का ध्यान रखना चाहिए अन्यथा कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है|
देव प्रबोधिनी एकादशी का हिन्दू धर्म में एक विशेष और अलग महत्त्व है| इस दिन भगवान विष्णु/नारायण अपनी योग निद्रा से बाहर आके पुरे संसार का कार्यभार संभालते है| देवउठनी एकादशी से ही सारे शुभ कार्य आरम्भ किये जाते है| देवउठनी एकादशी को हरी प्रबोधिनी एकादशी और देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है| पुराणों की माने तो एकादशी का व्रत इंसान को जन्म-मरण के बंधन से मुक्त कर बैकुंठ धाम की और ले जाता है| इसलिए प्रबोधिनी एकादशी को लेकर कुछ जरुरी बाते जिनका ध्यान रख के आप अपने भाग्य मेंवृद्धिहोती है, तो आइये जानते है किन चीजों का आपको ध्यान रखना चाहिए:
देवउठानी एकादशी पे आपको क्या करना चाहिए:
- देव प्रबोधिनी एकादशी पे सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठाना चाहिए और ध्यान व व्रत का संकल्प लेना चाहिए|
- नाहा कर भगवान विष्णु का अभिषेक करे और देसी घी का दीपक जलाये| फिर बाद में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करे|
- इस दिन पितरो के नाम से दान अवश्य करे|
- हरी प्रबोधिनी एकादशी पे निर्जला व्रत जरुर करे ( यदि आप निर्जला व्रत नहीं कर सकते तो एकाश्ना यानि केवल एक समय भोजन करे )
- भगवान नारायण के भजन करे, गाय की सेवा करे, गरीब व जरूरतमंद की मदद करे और उन्हें भोजन करवाए |
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देवउठानी एकादशी पे आपको क्या ना करना चाहिए:
- एकादशी के दिन चावल (rice) का सेवन नहीं करना चाहिए|
- इस दिन भूल कर भी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए और ना ही किसी से कोई झगडा करना चाहिए|
- किसी भी एकादशी के दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए साथ ही लसन प्याज़ से बना तामसिक भोजन भी नहीं करना चाहिए|
- देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह भी मनाया जाता है तो इस दिन तुलसी के पत्ते ना तोरे (एक दिन पहेले ही तुलसी के पत्ते तोर कर रख ले या फिर निचे गिरे हुए पत्तो को धो कर इस्तमाल करले)|
देवउठनी एकादशी के व्रत के फायदे
- देव प्रबोधिनी एकादशी का व्रत करने से भाग्य उदय होता है|
- एकादशी का व्रत करने से कुंडली में कमजोर चंद्रमा भी मजबूत होता है जिससे इंसान का मानसिक संतुलन बना रहेता है|
- इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए और मन ही मन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करना चाहिए| जिससे भगवान नारायण की कृपा बनी रहेती है|
- हरी प्रबोधिनी एकादशी पे शालिग्राम और तुलसी विवाह करवाने से अकाल म्रत्यु नहीं होती और पितृ दोष का भी नाश होता है|
- एकादशी का व्रत करने से जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता और धन तथा समृधि बनी रहेती है|
- देवउठानी एकादशी से लेकर देव के सोने तक आप सभी मंगल काम कर सकते है जैसे की शादी, गृह प्रवेश, उद्योग आरम्भ करना इत्यादि|